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सभासद की सैलरी, सभासद का कार्य क्या होता है, सभासद का अर्थ, सभासद किसे कहते है?

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Suman Saurav
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सभासद की सैलरी, सभासद का कार्य क्या होता है, सभासद का अर्थ, सभासद किसे कहते है?
जानें सभासद की सैलरी कितनी होती है, सभासद का कार्य क्या है, सभासद का अर्थ और किसे कहते हैं। यहाँ आपको मिलेगा सभासद से जुड़ी पूरी जानकारी सरल भाषा में। "सभासद कौन होता है? उसकी सैलरी, कार्य, जिम्मेदारियाँ और अर्थ क्या है, इस लेख में विस्तार से पढ़ें। आसान शब्दों में जानें सभासद से जुड़ी सभी अहम बातें।

सभासद का अर्थ

सभासद का अर्थ होता है नगर निगम या नगर पालिका में चुना गया प्रतिनिधि। यह वह व्यक्ति होता है जिसे नागरिक अपने वार्ड या क्षेत्र से चुनाव द्वारा चुनते हैं ताकि वह उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को शासन तक पहुँचा सके। सरल शब्दों में, सभासद जनता और प्रशासन के बीच की कड़ी होता है।

सभासद किसे कहते हैं

जिस व्यक्ति को नगर निकाय (नगर निगम, नगर पालिका या नगर परिषद) के चुनाव में जीतकर वार्ड का प्रतिनिधि बनने का अधिकार मिलता है, उसे सभासद कहते हैं। सभासद जनता की समस्याओं को सुनता है और उन्हें नगर निकाय की बैठकों में रखता है ताकि उन पर समाधान निकाला जा सके।

सभासद का कार्य

सभासद का मुख्य कार्य अपने क्षेत्र में पानी, बिजली, सड़क, सफाई, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही वह विकास कार्यों की निगरानी करता है, स्थानीय लोगों की शिकायतों को सम्बंधित अधिकारियों तक पहुँचाता है और क्षेत्र के विकास के लिए योजनाएँ बनवाने में भूमिका निभाता है। इस प्रकार, सभासद स्थानीय शासन को मजबूत बनाने और जनता की जरूरतों को पूरा करने में अहम जिम्मेदारी निभाता है।

सभासद की सैलरी(Uttar Pradesh)

सभासदों को ₹2,000 प्रति माह मानदेय देने की प्रस्तावित योजना है, और नगर पालिका/नगर पंचायत के सभासदों को ₹1,500 प्रति माह मानदेय देने की बात हो रही है।

  • उत्तर प्रदेश के विभिन्न नगर निकायों (नगर निगम / नगर पालिका / नगर पंचायत) के सभासदों (पार्षदों) को दिए जाने वाले मानदेय (भत्ते) की निम्नलिखित जानकारी मिलती है:
  • नगर निगम के पार्षद ₹2,000 प्रति माह मानदेय देने की तैयारी की खबरें हैं।
  • नगर पालिका / नगर पंचायत के सभासद ₹1,500 प्रति माह समान प्रस्तावों में यह राशि प्रस्तावित की गई है।
  • लखीमपुर (नगर पालिका) ₹25,000 मानदेय + ₹10,000 पेंशन की मांग यह मांग ज्ञापन के रूप में उठी है, लेकिन लागू हुई जानकारी नहीं मिली।

नोट: यह अनुमानों और प्रस्तावों पर आधारित जानकारी है।

Find out: Nagar Palika Chairman Salary 2025 - Pay Scale, Allowances & Benefits

सभासद की सैलरी(Uttarakhand)

उत्तराखंड में “सभासद” (नगर निगम/नगर पालिका के पार्षद) के लिए कोई आधिकारिक, सार्वजनिक रूप से प्रमाणित सैलरी-मानदेय (honorarium) की सूचना नहीं मिली है।

हालाँकि, संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों जैसे ग्राम प्रधान, जिला पंचायत अध्यक्ष आदि के मानदेय में वृद्धि की ख़बरें मिली हैं — उदाहरण के लिए ग्राम-प्रधान को ₹3,500 प्रतिमाह का मानदेय दिया जाने की सूचना है।

नगर निकायों में मेयर, पार्षद, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष/सदस्य, नगर पंचायत अध्यक्ष/सदस्य आदि को कोई सैलरी नहीं मिलती है; केवल पद की गरिमा अनुसार सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।

अर्थात् अभी तक पार्षदों को वेतन के तौर पर कोई निश्चित राशि सरकारी रूप से तय नहीं है और ना ही कोई अधिसूचना मिली है जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि पार्षदों को नियमित वेतन/मानदेय मिलता है।

Read more- जिला पंचायत सदस्य सैलरी

सभासद से जुड़ी जानकारी

यहाँ पर नगर पंचायत के सभासद से जुड़ी जानकारी एक विस्तृत तालिका (table) में हिंदी में दी गई है

विषय

विवरण

नगर पंचायत के सभासद का वेतन

नगर पंचायत के सभासद को निश्चित वेतन (salary) नहीं मिलता। उन्हें केवल बैठकों में शामिल होने पर बैठक भत्ता (sitting allowance) दिया जाता है, जो अलग-अलग राज्यों में ₹300 से ₹600 प्रति बैठक तक हो सकता है। इसके अलावा, उन्हें यात्रा भत्ता और अन्य मामूली सुविधाएँ मिल सकती हैं।

सभासद को इंग्लिश में क्या कहते हैं

सभासद को अंग्रेज़ी में "Councilor" या "Ward Member" कहा जाता है।

नगर पंचायत में कितने सभासद होते हैं

नगर पंचायत में सभासदों की संख्या नगर की जनसंख्या और वार्डों की संख्या पर निर्भर करती है। सामान्यतः 10 से 25 वार्ड होते हैं और प्रत्येक वार्ड से एक सभासद चुना जाता है।

Sabhasad in Politics in English

In politics, Sabhasad in English means Municipal Councilor or Ward Councilor, who represents the people of a particular ward in the Nagar Panchayat.

नगर पंचायत के सभासद के अधिकार

- अपने वार्ड की समस्याएँ नगर पंचायत की बैठकों में उठाना। - विकास कार्यों (जैसे सड़क, पानी, बिजली, सफाई आदि) का प्रस्ताव और निगरानी करना। - बजट और योजनाओं पर अपनी राय देना व सुझाव देना। - जनता और नगर पंचायत के बीच सेतु का काम करना। - स्थानीय स्तर पर सरकारी योजनाओं की जानकारी देना और उनका लाभ लोगों तक पहुँचाना।

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Frequently Asked Questions

सभासद कौन होता है और इसका अर्थ क्या है?

सभासद नगर निगम या नगर पालिका में जनता द्वारा चुना गया एक प्रतिनिधि होता है। सरल शब्दों में, यह वह व्यक्ति है जिसे नागरिक अपने वार्ड या क्षेत्र से चुनाव द्वारा चुनते हैं ताकि वह उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को शासन तक पहुँचा सके। सभासद जनता और प्रशासन के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करता है।

सभासद के मुख्य कार्य और जिम्मेदारियाँ क्या हैं?

सभासद का मुख्य कार्य अपने क्षेत्र में पानी, बिजली, सड़क, सफाई, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएँ सुनिश्चित करना है। वे विकास कार्यों की निगरानी करते हैं, स्थानीय लोगों की शिकायतों को संबंधित अधिकारियों तक पहुँचाते हैं और क्षेत्र के विकास के लिए योजनाएँ बनवाने में अहम भूमिका निभाते हैं, जिससे स्थानीय शासन मजबूत होता है।

उत्तर प्रदेश में सभासद की सैलरी या मानदेय कितना होता है?

उत्तर प्रदेश में नगर निगम के पार्षदों के लिए ₹2,000 प्रति माह और नगर पालिका या नगर पंचायत के सभासदों के लिए ₹1,500 प्रति माह मानदेय देने की योजना प्रस्तावित है। यह जानकारी अभी अनुमानों और प्रस्तावों पर आधारित है, कुछ स्थानों पर केवल बैठकों में शामिल होने का भत्ता दिया जाता है।

क्या उत्तराखंड में सभासदों को कोई निश्चित सैलरी मिलती है?

उत्तराखंड में नगर निगम या नगर पालिका के पार्षदों के लिए कोई आधिकारिक या सार्वजनिक रूप से प्रमाणित सैलरी या मानदेय की सूचना नहीं मिली है। उन्हें पद की गरिमा के अनुसार सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं, लेकिन अभी तक नियमित वेतन देने संबंधी कोई सरकारी अधिसूचना जारी नहीं हुई है।

सभासद के लिए अंग्रेजी में कौन से शब्द इस्तेमाल होते हैं?

सभासद को अंग्रेजी में आमतौर पर Councilor या Ward Member कहा जाता है। राजनीतिक संदर्भ में, इसे Municipal Councilor या Ward Councilor के रूप में भी जाना जाता है। ये शब्द नगर निकाय में जनता के प्रतिनिधि के रूप में उसके पद और जिम्मेदारियों को दर्शाते हैं।

नगर पंचायत सभासद के मुख्य अधिकार क्या होते हैं?

नगर पंचायत सभासद को अपने वार्ड की समस्याएँ नगर पंचायत की बैठकों में उठाने का अधिकार होता है। वे विकास कार्यों जैसे सड़क, पानी और सफाई का प्रस्ताव व निगरानी कर सकते हैं। उन्हें बजट और योजनाओं पर अपनी राय व सुझाव देने, साथ ही जनता और नगर पंचायत के बीच सेतु का काम करने का अधिकार होता है।

नगर पंचायत में सामान्यतः कितने सभासद होते हैं?

नगर पंचायत में सभासदों की संख्या उस नगर की जनसंख्या और वहाँ के वार्डों की संख्या पर निर्भर करती है। सामान्यतः एक नगर पंचायत में 10 से 25 वार्ड हो सकते हैं। प्रत्येक वार्ड से एक सभासद चुना जाता है, जो अपने वार्ड के लोगों का प्रतिनिधित्व करता है।

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